: शादी के बाद मैरिज सर्टिफिकेट बनवाने की अवधि
शादी के बाद मैरिज सर्टिफिकेट बनवाना भारत में एक महत्वपूर्ण दस्तावेज़ माना जाता है। आम तौर पर, नवविवाहित दंपति को शादी के 30 दिनों के भीतर मैरिज सर्टिफिकेट के लिए आवेदन करना होता है। यदि आप निर्धारित अवधि में इसे बनवाने से चूक जाते हैं, तो आप लेट फीस के साथ इसे 5 साल तक बनवा सकते हैं। हालांकि, इसके लिए जिला रजिस्ट्रार से विशेष अनुमति लेना जरूरी होता है।
: मैरिज सर्टिफिकेट के लिए आवेदन प्रक्रिया
: आवेदन कैसे करें?
मैरिज सर्टिफिकेट के लिए आवेदन करने के दो तरीके हैं: ऑफलाइन और ऑनलाइन।
- ऑफलाइन: अपने क्षेत्र के रजिस्ट्रार ऑफिस या ग्राम पंचायत के दफ्तर में जाकर आवेदन करना होता है। वहां आपको एक फॉर्म भरना होता है जिसमें शादी से जुड़ी सभी जानकारी देनी होती है।
- ऑनलाइन: भारत सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर भी आप मैरिज सर्टिफिकेट के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
: मैरिज सर्टिफिकेट के लिए आवश्यक दस्तावेज
मैरिज सर्टिफिकेट बनवाने के लिए निम्नलिखित दस्तावेज जरूरी होते हैं:
- पति-पत्नी का जन्म प्रमाण पत्र
- दोनों के आधार कार्ड
- पासपोर्ट साइज फोटो (चार-चार)
- शादी के दौरान की तस्वीरें, जिनमें चेहरा साफ दिखे
- शादी का निमंत्रण पत्र (शादी का कार्ड)
: गवाहों की आवश्यकता
मैरिज सर्टिफिकेट के आवेदन के समय, दो गवाहों की उपस्थिति जरूरी होती है। ये गवाह पति-पत्नी के परिवार या दोस्तों में से कोई भी हो सकते हैं।
: आवेदन शुल्क और लेट फीस
यदि आप शादी के 30 दिनों के बाद मैरिज सर्टिफिकेट के लिए आवेदन कर रहे हैं, तो आपको लेट फीस का भुगतान करना होगा। यह लेट फीस जिला रजिस्ट्रार के निर्देशानुसार अलग-अलग हो सकती है, इसलिए इसके बारे में पहले ही जानकारी लें।
: मैरिज सर्टिफिकेट क्यों है जरूरी?
मैरिज सर्टिफिकेट एक वैध दस्तावेज है जो कानूनी तौर पर शादीशुदा होने का प्रमाण देता है। यह कई सरकारी योजनाओं और सुविधाओं में सहायक होता है, जैसे:
- बीमा पॉलिसी में नामांकन
- वीजा आवेदन
- कानूनी अधिकारों का संरक्षण
इस तरह, मैरिज सर्टिफिकेट न केवल एक दस्तावेज है बल्कि आपकी शादीशुदा स्थिति का कानूनी प्रमाण भी है।
निष्कर्ष
मैरिज सर्टिफिकेट के लिए आवेदन करना शादी के बाद बेहद आवश्यक है। चाहे आप इसे तुरंत बनवाएं या कुछ समय बाद, यह आपके लिए भविष्य में कई लाभदायक साबित हो सकता है।