राजस्थान सरकार ने पंचायत चुनाव को लेकर एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए आदेश में यह बताया गया है कि जिन सरपंचों का कार्यकाल खत्म हो रहा था, उनका कार्यकाल अब बढ़ा दिया गया है। इस निर्णय से राजस्थान में पंचायतों का संचालन और चुनाव प्रक्रिया में बड़ा बदलाव आएगा।
सरपंचों का कार्यकाल बढ़ाया गया 🏛️
राजस्थान में 6759 ग्राम पंचायतों का कार्यकाल 17 जनवरी को समाप्त होने वाला था, लेकिन अब इन सभी पंचायतों का कार्यकाल बढ़ा दिया गया है। राज्य सरकार ने वर्तमान सरपंचों को प्रशासक नियुक्त कर पंचायतों के संचालन का जिम्मा सौंपा है। इसके साथ ही, वार्ड पंच और उपसरपंचों को भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियाँ दी गई हैं।
प्रशासनिक समिति का गठन किया जाएगा 👥
राजस्थान सरकार ने यह फैसला लिया है कि प्रत्येक ग्राम पंचायत के लिए एक प्रशासकीय समिति का गठन किया जाएगा। इस समिति में उन व्यक्तियों को सदस्य बनाया जाएगा, जो पहले उपसरपंच और वार्ड पंच रहे हैं। यह समिति पंचायत के कार्यकलापों के संचालन में मदद करेगी।
क्या है राजस्थान पंचायती राज अधिनियम? 📜
राजस्थान पंचायती राज अधिनियम, 1994 की धारा-95 के तहत राज्य सरकार ने यह कदम उठाया है। इस अधिनियम के तहत, जिन ग्राम पंचायतों का कार्यकाल 31 जनवरी 2025 तक समाप्त हो रहा है और उनके चुनाव अपरिहार्य कारणों से नहीं हो पा रहे हैं, उन पंचायतों में निवर्तमान सरपंच को प्रशासक नियुक्त किया जाएगा।
वित्तीय शक्तियाँ और संचालन 💰
प्रशासक और संबंधित ग्राम विकास अधिकारी के द्वारा पंचायतों के खातों और वित्तीय शक्तियों का संचालन किया जाएगा। यह सब राजस्थान पंचायती राज नियम, 1996 के तहत किया जाएगा।
कार्यकाल की समाप्ति और नए चुनाव 🗳️
प्रशासक और प्रशासकीय समिति की कार्यावधि तब तक रहेगी जब तक नवनिर्वाचित ग्राम पंचायत की पहली बैठक नहीं हो जाती।
जिला कलेक्टरों को निर्देश 🏢
राज्य सरकार ने सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने जिले की संबंधित ग्राम पंचायतों में प्रशासक नियुक्त करें और प्रशासकीय समितियों का गठन करें।
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