📖 10+2 सिस्टम खत्म, अब लागू होगा 5+3+3+4 फॉर्मेट
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 ने देश की शिक्षा प्रणाली में क्रांतिकारी बदलाव लाते हुए, पारंपरिक 10+2 प्रारूप को समाप्त कर 5+3+3+4 के नवाचारी मॉडल को अपनाया है। इस परिवर्तन का उद्देश्य छात्रों को 21वीं सदी की चुनौतियों का सामना करने के लिए आवश्यक कौशल और ज्ञान से लैस करना है।
🏫 फाउंडेशन स्टेज: बच्चों की शिक्षा की नई शुरुआत
- पहले 5 साल:
3 से 8 साल के बच्चों के लिए फाउंडेशन स्टेज में 3 साल प्री-प्राइमरी और 2 साल कक्षा 1 और 2 शामिल होंगे।- नया पाठ्यक्रम तैयार किया जाएगा।
- खेल और गतिविधियों के माध्यम से शिक्षा दी जाएगी।
📚 प्राथमिक और मिडिल स्टेज: 8 से 14 साल के बच्चे
- प्राथमिक (कक्षा 3-5):
8 से 11 साल के बच्चों के लिए।- बुनियादी पढ़ाई और कौशल विकास।
- मिडिल (कक्षा 6-8):
11 से 14 साल के बच्चों के लिए।- प्रोफेशनल और स्किल शिक्षा शुरू होगी।
- स्थानीय स्तर पर इंटर्नशिप का प्रावधान।
🎓 सेकेंडरी स्टेज: 9वीं से 12वीं तक का सफर
- 4 साल (कक्षा 9-12):
- छात्रों को विषय चुनने की आजादी होगी।
- साइंस, गणित के साथ फैशन डिजाइनिंग जैसे कोर्स पढ़ने का विकल्प।
- 10वीं और 12वीं में नए कोर्स शामिल किए जाएंगे।
🚸 बच्चों को फेल करने का प्रावधान वापस
- अब कक्षा 5 और 8 में पासिंग मार्क्स न लाने पर छात्रों को फेल किया जाएगा।
- पहले छात्रों को प्रमोट कर दिया जाता था।
📊 नई शिक्षा नीति के लाभ
- सभी स्तरों पर गुणवत्ता:
शिक्षा के हर स्तर पर सुधार। - समानता:
सभी बच्चों को समान अवसर। - स्किल डेवलपमेंट:
बच्चों को व्यावसायिक और स्किल शिक्षा। - शिक्षा तक पहुंच:
सभी बच्चों के लिए शिक्षा सुलभ।
🎯 5+3+3+4 सिस्टम की संरचना
फेज | उम्र (साल) | कक्षा |
---|---|---|
फाउंडेशन स्टेज | 3-8 | प्री-प्राइमरी, कक्षा 1-2 |
प्राथमिक स्टेज | 8-11 | कक्षा 3-5 |
मिडिल स्टेज | 11-14 | कक्षा 6-8 |
सेकेंडरी स्टेज | 14-18 | कक्षा 9-12 |
🌐 नई शिक्षा नीति 2020: 21वीं सदी के लिए शिक्षा
नई शिक्षा नीति का मुख्य उद्देश्य 21वीं सदी के छात्रों को तैयार करना है। यह नीति शिक्षा के हर स्तर पर सुधार और समानता लाने के लिए बनाई गई है।
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