राजस्थान राज्य में सरपंच चुनाव को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। जनवरी में 40% पंचायतों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है, और कई पंचायतों का कार्यकाल सितंबर- अक्टूबर तक समाप्त हो जाएगा। राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है, लेकिन आगामी चुनाव के लिए कार्यकाल बढ़ाने की भी संभावना जताई जा रही है।
: सरपंचों का कार्यकाल और चुनाव की तिथियां
राजस्थान में कुल 6759 पंचायतों के सरपंचों का कार्यकाल जनवरी में समाप्त हो रहा है, और शेष 60% पंचायतों का कार्यकाल सितंबर- अक्टूबर तक पूरा होगा। राज्य निर्वाचन आयोग ने जनवरी में चुनाव कराने की योजना बनाई है और प्रत्येक पंचायत में वोटर लिस्ट को अपडेट करने के लिए प्रगणक लगाने के आदेश जारी किए हैं।
: पंचायतों में प्रशासक लगाने की तैयारी
वर्तमान में, 40% पंचायतों के सरपंचों का कार्यकाल समाप्त होने वाला है। ऐसे में, राज्य सरकार प्रशासक लगाने की तैयारी कर रही है। निकायों की तर्ज पर पंचायतों के वार्डों का परिसीमन भी प्रस्तावित किया जा रहा है। इसके अलावा, पंचायतों में ग्राम सचिवों को प्रशासक नियुक्त किया जा सकता है, ताकि चुनावों के बीच प्रशासन की स्थिति सही बनी रहे।
: सरपंच संघ की मांग और सरकार का रुख
पंचायत राज मंत्री मदन दिलावर ने स्पष्ट किया कि पंचायत चुनावों के बारे में अंतिम निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया जाएगा। सरपंच संघ ने वन स्टेट वन इलेक्शन के पक्ष में रहते हुए, कार्यकाल बढ़ाने का सुझाव दिया है। हालांकि, सरकार ने इस पर अभी तक कोई अंतिम फैसला नहीं लिया है।
: चुनाव आयोग के द्वारा की जा रही तैयारी
राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव की प्रक्रिया को सुचारू रूप से चलाने के लिए प्रगणकों को नियुक्त करने का आदेश दिया है। प्रत्येक पंचायत में तीन या चार वार्डों के लिए एक प्रगणक नियुक्त होगा। इसके तहत, हर वार्ड में 1100 से ज्यादा वोटर नहीं होंगे। चुनाव की प्रक्रिया की तैयारी जोर-शोर से चल रही है।
: राज्य सरकार का आगामी कदम
पंचायती राज चुनावों को लेकर सरकार में उच्चस्तरीय बैठकें चल रही हैं। जल्द ही एक मंत्री-स्तरीय कमेटी बनाई जा सकती है, जो इस मुद्दे पर चर्चा करेगी। उम्मीद है कि इस मामले में निर्णय बजट सत्र तक हो सकता है। इसके बाद, राज्य सरकार एक विधेयक भी ला सकती है।
: क्या कार्यकाल बढ़ाना सही रहेगा?
सरपंच संघ और स्थानीय लोगों का मानना है कि चुनाव से पहले कार्यकाल बढ़ाने से पंचायतों में विकास कार्यों में कोई रुकावट नहीं आएगी। हालांकि, इस पर अंतिम फैसला राज्य सरकार को लेना है, जो कि पंचायतों के विकास को ध्यान में रखते हुए लिया जाएगा।
चुनाव करवाने को लेकर प्रगणक नियुक्त करने हेतु आदेश यहां से डाउनलोड करें