नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET UG) अब पेन और पेपर मोड के बजाय कंप्यूटर आधारित टेस्ट (CBT) के माध्यम से आयोजित होने की संभावना है। यह बदलाव परीक्षा प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और धोखाधड़ी मुक्त बनाने के लिए किया जा रहा है। आइए, विस्तार से जानते हैं इस बदलाव के बारे में।
NEET UG 2024 ऑनलाइन मोड: क्या है बदलाव?
- पारंपरिक परीक्षा से बदलाव:
अब तक NEET UG परीक्षा पेन और पेपर पर आयोजित की जाती थी। लेकिन, अब इसे कंप्यूटर आधारित परीक्षा के रूप में आयोजित करने पर विचार किया जा रहा है। - बदलाव का उद्देश्य:
- परीक्षा में होने वाली अनियमितताओं को रोकना।
- पारदर्शिता और ईमानदारी सुनिश्चित करना।
- छात्रों के लिए तकनीकी रूप से उन्नत और समयानुकूल परीक्षा प्रणाली लाना।
बदलाव के पीछे की वजह
- पेपर लीक और विवाद:
पेपर लीक की घटनाओं ने NEET UG 2024 परीक्षा की विश्वसनीयता को धूमिल कर दिया है। - एक्सपर्ट पैनल की सिफारिशें:
इसरो के वरिष्ठ वैज्ञानिक राधाकृष्ण की अध्यक्षता में बनी सात सदस्यीय समिति ने परीक्षा को ऑनलाइन कराने की सिफारिश की है।
सरकार और मंत्रालय का रुख
- धर्मेंद्र प्रधान का बयान:
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA), और विशेषज्ञ समिति के साथ विचार-विमर्श के बाद परीक्षा को ऑनलाइन कराने पर सहमति बन रही है। - छात्रों और अभिभावकों की राय:
जून 2024 में पैनल ने छात्रों और अभिभावकों से उनके सुझाव लिए। इन सुझावों के आधार पर परीक्षा को धोखाधड़ी मुक्त और पारदर्शी बनाने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है।
ऑनलाइन परीक्षा से छात्रों को लाभ
- पारदर्शिता:
परीक्षा प्रणाली में सुधार से धोखाधड़ी और लीक जैसी समस्याएं समाप्त होंगी। - सुविधा:
छात्रों को परीक्षा केंद्र पर आधुनिक तकनीक का अनुभव मिलेगा। - तेजी:
परिणाम प्रक्रिया तेज और त्रुटिहीन होगी।
अभी क्या है स्थिति?
- आधिकारिक घोषणा का इंतजार:
संबंधित समिति द्वारा प्रस्ताव पर सहमति बनाई जा रही है, लेकिन अभी तक कोई औपचारिक आदेश जारी नहीं किया गया है। - प्रक्रिया जारी:
एक्सपर्ट पैनल की सिफारिशों को लागू करने की दिशा में काम किया जा रहा है।
निष्कर्ष
NEET UG 2024 का कंप्यूटर आधारित परीक्षा मोड भारत की शिक्षा प्रणाली को डिजिटल युग में ले जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह परीक्षा प्रणाली में पारदर्शिता और विश्वसनीयता बढ़ाने में मदद करेगा।
अगर यह बदलाव लागू होता है, तो यह परीक्षा प्रणाली में एक ऐतिहासिक कदम होगा।