शिक्षक बनने के लिए नए कोर्स और शिक्षा नीति के अनुसार बदलाव
विद्यालयों में शिक्षक बनने की राह में अब नए विकल्प और कोर्स शामिल किए गए हैं, जिसमें कई पुराने कोर्स को बंद कर दिया गया है। अब तीन प्रमुख प्रकार के शिक्षक प्रशिक्षण कोर्स चल रहे हैं, जो नई शिक्षा नीति के तहत शुरू किए गए हैं। इनमें से एक 1 वर्षीय बीएड कोर्स भी शामिल किया गया है। आइए, जानते हैं कि इन कोर्स में कौन-कौन से विकल्प मौजूद हैं और कैसे शिक्षक बनने का सपना पूरा कर सकते हैं।
12वीं के बाद डीएलएड (Diploma in Elementary Education) का रास्ता
शिक्षक बनने की शुरुआत 12वीं के बाद से की जा सकती है।
- डीएलएड कोर्स (2 वर्षीय): यह कोर्स 12वीं के बाद किया जा सकता है और इसकी अवधि दो साल होती है। इसे सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद आप प्राथमिक कक्षाओं (कक्षा 1 से 5 तक) में शिक्षक बनने के पात्र बन जाते हैं।
- प्रवेश पात्रता: 12वीं पास छात्र डीएलएड कर सकते हैं, जिससे उन्हें प्राइमरी स्कूल टीचर बनने का अवसर मिलता है।
स्नातक के बाद दो वर्षीय बीएड प्रोग्राम
यदि आप स्नातक कर चुके हैं, तो शिक्षक बनने के लिए एक और विकल्प उपलब्ध है।
- 2 वर्षीय बीएड कोर्स: इस कोर्स के लिए स्नातक (ग्रेजुएशन) योग्यता आवश्यक है। यह कोर्स माध्यमिक स्तर (कक्षा 6 से 10 तक) के लिए शिक्षक बनने का रास्ता प्रदान करता है।
- प्रवेश पात्रता: स्नातक उत्तीर्ण छात्र इस कोर्स में प्रवेश लेकर सेकेंडरी लेवल का शिक्षक बन सकते हैं।
4 वर्षीय इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम (ITEP)
यह कोर्स नई शिक्षा नीति के तहत शुरू किया गया है और इसमें स्नातक एवं बीएड दोनों को एकीकृत कर दिया गया है।
- ITEP कोर्स (4 वर्षीय): यह कोर्स स्नातक और बीएड दोनों को शामिल करता है। इसे “इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम” कहा जाता है और यह राष्ट्रीय स्तर पर पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया है।
- प्रवेश पात्रता: 12वीं पास छात्र इस कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं और इस कोर्स के बाद वे माध्यमिक स्तर पर शिक्षक बन सकते हैं।
नई शिक्षा नीति के तहत एक वर्षीय बीएड का विकल्प
नई शिक्षा नीति के अंतर्गत, स्नातक ऑनर्स कोर्स के बाद एक वर्षीय बीएड कोर्स का भी विकल्प रखा गया है।
- 1 वर्षीय बीएड कोर्स: यह कोर्स विशेष रूप से उन छात्रों के लिए तैयार किया जा रहा है जो ग्रेजुएशन ऑनर्स पूरा कर चुके हैं। इसका उद्देश्य शिक्षकों को जल्द से जल्द प्रशिक्षण प्रदान करना है।
एनसीटीई (NCTE) द्वारा कोर्स मान्यता और पात्रता परीक्षाएं
देश में शिक्षक प्रशिक्षण कोर्सों की मान्यता नेशनल काउंसलिंग फॉर टीचर एजुकेशन (NCTE) द्वारा दी जाती है।
- टीईटी या सीटीईटी: डीएलएड, बीएड, और ITEP करने के बाद, टीचर बनने के लिए CBSE की CTET या राज्य टीईटी परीक्षा पास करनी होती है।
- एनटीटी कोर्स: नर्सरी स्तर के बच्चों को पढ़ाने के लिए एनटीटी (नर्सरी टीचर ट्रेनिंग) का कोर्स करना होता है।
शिक्षक बनने की राह के लिए महत्वपूर्ण जानकारी
वर्तमान में शिक्षक बनने के तीन मुख्य रास्ते हैं: डीएलएड, बीएड और ITEP। प्रत्येक कोर्स अलग-अलग स्तरों पर शिक्षा प्रदान करने के योग्य बनाता है, जिससे विद्यार्थियों को अपने करियर के लिए सर्वोत्तम विकल्प चुनने में सहायता मिलती है।
नोट: इन कोर्सों के चयन में अपनी शिक्षा पृष्ठभूमि और करियर की दिशा को ध्यान में रखें।