School Students Gifts: शिक्षा विभाग देगा 20 रूपए का इनाम
शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने के लिए एक नई योजना की शुरुआत की है। इसके अंतर्गत, जो विद्यार्थी रोजाना स्कूल जाएंगे और क्लास वर्क पूरा करेंगे, उन्हें शिक्षा विभाग की ओर से ₹20 का पुरस्कार दिया जाएगा। इस योजना का उद्देश्य विद्यार्थियों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करना और उन्हें पढ़ाई के प्रति प्रेरित करना है।
योजना का उद्देश्य और लाभ
सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की उपस्थिति को बढ़ावा देने के लिए यह योजना लागू की गई है। इसके अंतर्गत, प्रत्येक सरकारी स्कूल में हर तीन महीने में उपस्थिति के आधार पर टॉप 5 विद्यार्थियों को ₹20 का पुरस्कार दिया जाएगा। यह पुरस्कार साल में तीन बार दिया जाएगा, जिससे छात्रों को नियमित रूप से स्कूल जाने के लिए प्रेरणा मिलेगी।
सामुदायिक जागृति दिवस कार्यक्रम
पुरस्कार वितरण के लिए हर तीन महीने में “सामुदायिक जागृति दिवस” का आयोजन किया जाएगा। इस दिन, स्कूल में अध्यापक-अभिभावक संघ की बैठक होगी, जिसमें माता-पिता की उपस्थिति में विद्यार्थियों को सम्मानित किया जाएगा। यह आयोजन हिंदू पंचांग के अनुसार अमावस्या तिथि पर रखा गया है, ताकि अधिक से अधिक श्रमिक वर्ग के माता-पिता शामिल हो सकें।
सामुदायिक जागृति दिवस का महत्व
अमावस्या के दिन श्रमिक वर्ग के लोग अक्सर अवकाश रखते हैं, इसलिए इस दिन को चुना गया है ताकि वे अपने बच्चों की उपलब्धियों में शामिल हो सकें। यदि अमावस्या पर सरकारी अवकाश होता है, तो कार्यक्रम अगले दिन आयोजित किया जाएगा। राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद के आयुक्त अरविंचल चतुर्वेदी ने इस कार्यक्रम के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं और यह सुनिश्चित किया गया है कि पुरस्कार वितरण में पारदर्शिता रहे।
योजना का समय और पुरस्कार वितरण
साल 2024-25 में यह कार्यक्रम अगस्त, अक्टूबर और दिसंबर में आयोजित किया जाएगा। सभी सरकारी प्राथमिक, अपर प्राथमिक और सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में टॉपर विद्यार्थियों को इनाम दिया जाएगा। इसका मकसद न केवल विद्यार्थियों की उपस्थिति को बढ़ाना है, बल्कि उनकी पढ़ाई में निरंतरता और नियमितता को भी प्रोत्साहित करना है।
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निष्कर्ष
यह योजना सरकार द्वारा शुरू की गई एक सराहनीय पहल है, जो विद्यार्थियों को रोजाना स्कूल जाने और कक्षा कार्य पूरा करने के लिए प्रोत्साहित करेगी। सामुदायिक जागृति दिवस के माध्यम से, बच्चों के माता-पिता भी अपने बच्चों की सफलता का हिस्सा बन सकेंगे। इससे न केवल बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ेगा, बल्कि माता-पिता के साथ उनका जुड़ाव भी मजबूत होगा।