Rajasthan CET Normalization 2024: कैसे होगा नॉर्मलाइजेशन?
राजस्थान सीईटी स्नातक स्तर में नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया को लागू किया जा सकता है। इस प्रक्रिया का उद्देश्य सभी शिफ्ट्स में परीक्षाओं के कठिनाई स्तर को बराबर करना है ताकि सभी अभ्यर्थियों के अंक निष्पक्ष तरीके से तुलना किए जा सकें। सरल शिफ्ट्स के अभ्यर्थियों के अंक 3 से 7 अंक तक कम किए जा सकते हैं, जबकि कठिन शिफ्ट्स के छात्रों को समान लाभ दिया जा सकता है।
नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया का उद्देश्य (H2)
Normalization एक सांख्यिकीय प्रक्रिया है जिसका मुख्य उद्देश्य परीक्षा की पारियों में विभिन्न कठिनाई स्तर को बराबर करना है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि सभी छात्रों के अंक निष्पक्ष तरीके से तय किए जाएं।
उदाहरण के तौर पर: (H3)
- अगर किसी अभ्यर्थी की पारी में कठिन प्रश्न थे, तो उनके अंक बढ़ाए जाएंगे।
- वहीं सरल पारी में परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों के अंक घटाए जा सकते हैं।
Rajasthan CET में नॉर्मलाइजेशन क्यों जरूरी? (H2)
सीईटी ग्रेजुएशन स्तर परीक्षा में विभिन्न शिफ्ट्स में अलग-अलग कठिनाई स्तर हो सकता है। इससे छात्रों के अंकों में भारी अंतर आ सकता है, जो कि नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया के जरिए संतुलित किया जाएगा।
नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया से कौन लाभान्वित होगा? (H2)
उन शिफ्ट्स के अभ्यर्थियों को अधिक लाभ होगा जिनकी परीक्षाएं कठिन थीं। उनके अंक बढ़ाए जा सकते हैं ताकि उनकी योग्यता में अन्य शिफ्ट्स के साथ संतुलन बनाया जा सके।
नॉर्मलाइजेशन से किसे होगा नुकसान? (H2)
सीईटी नॉर्मलाइजेशन का सबसे बड़ा नुकसान उन अभ्यर्थियों को होगा जिनकी शिफ्ट में सरल प्रश्नपत्र था। उनके अंक घट सकते हैं, जिससे पास होने की संभावना कम हो सकती है।
नॉर्मलाइजेशन 2024 प्रक्रिया के प्रमुख बिंदु: (H2)
- ऑफिशियल आंसर की – पहले सभी पारियों के लिए आंसर की जारी की जाएगी।
- ऑब्जेक्शन सबमिट – अभ्यर्थियों से गलत प्रश्नों पर ऑब्जेक्शन आमंत्रित किए जाएंगे।
- अंकों का संतुलन – कठिनाई स्तर के अनुसार अंक घटाए या बढ़ाए जा सकते हैं।
FAQs: Rajasthan CET Normalization 2024 (H2)
- Q1: Rajasthan CET स्नातक स्तर में नॉर्मलाइजेशन होगा?
Ans: फिलहाल आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, परन्तु पूरी संभावना है कि इस बार भी नॉर्मलाइजेशन लागू किया जा सकता है। - Q2: किसे सबसे अधिक लाभ होगा?
Ans: उन अभ्यर्थियों को लाभ होगा जिनकी शिफ्ट कठिन थी, उनके अंक बढ़ाए जाएंगे। - Q3: किसे सबसे अधिक नुकसान होगा?
Ans: सरल प्रश्नपत्र वाले अभ्यर्थियों को नुकसान हो सकता है, उनके अंक घटाए जा सकते हैं।