सितंबर 27, 2024
द्वाराhttps://mastimood.com
हाल ही में हुए एक सर्वे में दिल्ली, हरियाणा, और गुजरात पुलिस विभाग को लेकर चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। IP University School of Law की एक रिपोर्ट के अनुसार, इन राज्यों के 90% कारोबारी और धनाढ्य वर्ग ने आरोप लगाया है कि पुलिस विभाग विवादों को सुलझाने के बजाय उलझाने का काम करता है।
यह सर्वे दिल्ली, हरियाणा और गुजरात के विभिन्न वर्गों से जुड़े लोगों पर आधारित है, जिसमें व्यापारियों, उद्योगपतियों और कानूनविदों को शामिल किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस पर विश्वास की कमी और विवादों को उलझाने का रवैया प्रमुख चिंता के विषय हैं।
सर्वे में सामने आए मुख्य बिंदु:
- विश्वास की कमी: रिपोर्ट में पाया गया कि 90% से अधिक लोगों का मानना है कि पुलिस विवादों को सुलझाने की बजाय उन्हें और जटिल बना देती है।
- न्याय प्रक्रिया की धीमी गति: पुलिस की कार्रवाई में अक्सर देरी होती है, जिससे विवाद लंबित रह जाते हैं और न्याय की मांग अधूरी रह जाती है।
- धनाढ्य वर्ग का अनुभव: सर्वे में शामिल अधिकतर कारोबारी और धनाढ्य वर्ग के लोगों ने शिकायत की कि पुलिस विभाग उन मामलों में भी निष्पक्ष कार्रवाई नहीं करता जहां साक्ष्य स्पष्ट होते हैं।
- कानूनी ढांचा और पुलिस की भूमिका: IP University School of Law की रिपोर्ट में इस बात पर भी प्रकाश डाला गया है कि पुलिस का कर्तव्य केवल कानून का पालन करवाना नहीं है, बल्कि विवादों को शांतिपूर्वक हल करना भी है। लेकिन, वर्तमान में इन राज्यों में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं।
कानूनी सुधारों की मांग
इस सर्वे के निष्कर्षों ने कानूनी सुधारों की जरूरत को स्पष्ट कर दिया है। विवादों को सुलझाने में पुलिस की निष्पक्षता और त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए नीतिगत बदलावों की मांग की जा रही है।
IP University School of Law की यह रिपोर्ट न्यायपालिका, पुलिस और विधायी निकायों के लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज बन सकती है, जो भविष्य में कानूनी और प्रशासनिक सुधारों का मार्गदर्शन करेगी।
क्या कहती है रिपोर्ट?
- दिल्ली: दिल्ली में पुलिस विभाग को लेकर 85% लोगों ने कहा कि पुलिस अक्सर शक्तिशाली लोगों के पक्ष में काम करती है, जबकि आम लोगों की शिकायतें नजरअंदाज की जाती हैं।
- हरियाणा: हरियाणा के 88% लोगों ने आरोप लगाया कि पुलिस की जांच में देरी और भ्रष्टाचार के कारण विवादों का समाधान लंबित रह जाता है।
- गुजरात: गुजरात में 90% व्यापारियों और कारोबारियों ने कहा कि पुलिस उनकी समस्याओं को हल करने के बजाय, और अधिक उलझा देती है, जिससे उन्हें नुकसान उठाना पड़ता है।
समाधान के उपाय:
- पुलिस सुधार: पुलिस विभाग में सुधार लाने की सख्त जरूरत है ताकि जनता का विश्वास दोबारा स्थापित किया जा सके।
- जांच में पारदर्शिता: पुलिस की जांच प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और त्वरित बनाया जाना चाहिए।
- जवाबदेही बढ़ाना: पुलिस अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए ताकि वे अपने कार्य में लापरवाही न बरतें और निष्पक्ष कार्रवाई करें।
निष्कर्ष
यह सर्वे यह साबित करता है कि पुलिस विभाग में सुधार की आवश्यकता है, ताकि विवादों का सही और समय पर समाधान हो सके। दिल्ली, हरियाणा, और गुजरात के लोगों की शिकायतें दर्शाती हैं कि पुलिस की कार्यशैली में बदलाव लाने की जरूरत है, जिससे जनता का विश्वास कानून-व्यवस्था में बहाल हो सके।
Reference by-Hindustan Times