26 सितंबर, 2024
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भारत सरकार ने नई तकनीक के साथ हाईवे पर यात्रा को और भी सुविधाजनक बना दिया है। अब 20 किलोमीटर तक की यात्रा टोल टैक्स फ्री होगी। इसके बाद, सिर्फ उतने ही किलोमीटर का भुगतान करना होगा जितनी दूरी आपने तय की है।
GNSS प्रणाली क्या है?
GNSS (Global Navigation Satellite System) एक सैटेलाइट-आधारित टोल संग्रह प्रणाली है जो हाईवे और एक्सप्रेसवे पर इस्तेमाल की जाएगी। इस नई तकनीक में GPS और ऑन-बोर्ड यूनिट का उपयोग होता है, जिससे आपकी यात्रा का सटीक हिसाब रखा जाएगा। यह मौजूदा फास्टैग और ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन का विकल्प है।
20 किलोमीटर तक टोल फ्री कैसे?
GNSS तकनीक वाले वाहनों के लिए, हर दिन नेशनल हाईवे या एक्सप्रेस वे पर पहले 20 किलोमीटर की यात्रा टोल टैक्स फ्री होगी। 21वें किलोमीटर से टोल की गिनती शुरू होगी, और आपके बैंक खाते से सीधे कटौती की जाएगी, जैसा कि फास्टैग में होता है।
GNSS प्रणाली के प्रमुख फायदे:
- रुकने की जरूरत नहीं: अब टोल प्लाजा पर वाहन चालकों को रुकना नहीं पड़ेगा। टोल सीधे कट जाएगा।
- ऑनलाइन भुगतान की सुविधा: कैश या कार्ड की जरूरत नहीं होगी, पूरा भुगतान ऑनलाइन होगा।
- समय और ईंधन की बचत: टोल प्लाजा पर लंबी लाइनों से मुक्ति मिलेगी, जिससे समय और फ्यूल दोनों बचेंगे।
- कम मेंटिनेंस लागत: फास्टैग की तुलना में GNSS का मेंटिनेंस कम खर्चीला होगा।
- सटीक वाहन ट्रैकिंग: वाहन मालिकों को अपने वाहन की स्थिति की सटीक जानकारी मिलेगी।
GNSS प्रणाली कैसे काम करती है?
यह प्रणाली पहले GPS का इस्तेमाल करके आपके वाहन की दूरी मापेगी। फिर, आपकी गाड़ी की नंबर प्लेट या फास्टैग के आधार पर शुल्क कटेगा। टोल कटने के बाद, आपको एक SMS भी मिलेगा, जिसमें आपकी यात्रा की जानकारी और शुल्क का विवरण होगा।
भविष्य की दिशा
GNSS सिस्टम आने वाले समय में देश के प्रमुख हाइवे और एक्सप्रेसवे पर लागू किया जाएगा, जिससे टोल कलेक्शन का अनुभव और भी सरल और पारदर्शी होगा।