यह कविता चिट्ठी और मोबाइल के बीच एक दिलचस्प तुलना प्रस्तुत करती है। कविता में, चिट्ठी को भावनाओं और धैर्य का प्रतीक के रूप में चित्रित किया गया है, जबकि मोबाइल को तत्काल संचार और भावनात्मक गहराई की कमी का प्रतीक के रूप में चित्रित किया गया है।
💌चिट्ठी और मोबाइल📱
💌चिट्ठी में जो बातें होती थीं,
वो शब्द दिल से बहते थे,
कागज़ पर हाथों से लिखे,
जैसे जज़्बात सिलसिलेवार बंधते थे।
📱मोबाइल पर जो मैसेज आता है,
बस उंगलियों से टाइप हो जाता है,
जल्दी में, बिना सोचे समझे,
हर बात पल भर में खत्म हो जाता है।
💌चिट्ठी का इंतजार लंबा था,
पर उसमें प्रेम का एक सफर था,
हर दिन, हर पल की आहट थी,
मुलाकात की मीठी चाहत थी।
📱मोबाइल में सब कुछ है फटाफट,
ना इंतजार, ना वो लंबी राहत,
मैसेज आते हैं और चले जाते हैं,
वो गहराई कहीं खो जाते हैं।
💌चिट्ठी में इत्र की खुशबू होती थी,
एक अहसास, एक छूअन होती थी,
हर शब्द में प्रेम का रंग चढ़ा,
दिल का रिश्ता गहरा था जुड़ा।
📱मोबाइल में इमोजी से बात होती है,
पर जज़्बातों में वो बात कहाँ होती है?
दिल की बात भी अधूरी रह जाती,
वो लिखावट की मिठास कहाँ होती?
💌चिट्ठी ने धैर्य सिखाया था,
इंतजार में भी एक प्यार दिखाया था।
मोबाइल ने रफ्तार दे दी है,
पर वो पुराने एहसास खो दिए हैं।
कविता की मुख्य थीम:
- भावनाओं का अभिव्यक्ति: कविता में लेखक ने चिट्ठी को भावनाओं के गहन अभिव्यक्ति का माध्यम बताया है। चिट्ठी में लिखे शब्दों में दिल की भावनाएं होती थीं, जो धीरे-धीरे और सोच-समझकर लिखी जाती थीं। वहीं, मोबाइल पर भेजे जाने वाले संदेशों में भावनाओं की गहराई कम होती है।
- धैर्य और इंतजार: चिट्ठी का इंतजार लंबा होता था, लेकिन इस इंतजार में एक खास तरह का आनंद होता था। यह धैर्य और प्रेम का प्रतीक था। वहीं, मोबाइल ने संचार को इतना तेज कर दिया है कि अब लोग धैर्य रखना भूल गए हैं।
- व्यक्तिगत स्पर्श: चिट्ठी में एक व्यक्तिगत स्पर्श होता था। चिट्ठी में लिखी हुई हर बात में लेखक का अपना अंदाज होता था। वहीं, मोबाइल पर भेजे जाने वाले संदेशों में यह व्यक्तिगत स्पर्श कम होता है।
- तकनीक और मानवीय संबंध: कविता में लेखक ने तकनीक के विकास और मानवीय संबंधों के बीच के टकराव को दिखाया है। मोबाइल ने संचार को आसान बना दिया है, लेकिन इसने मानवीय संबंधों को भी कमजोर कर दिया है।
निष्कर्ष:
यह कविता हमें यह बताती है कि तकनीक के विकास के साथ-साथ हमने अपनी कई पुरानी चीजों को खो दिया है। चिट्ठी एक ऐसी ही चीज है, जो हमें भावनाओं की गहराई और धैर्य का महत्व सिखाती है।
अतिरिक्त टिप्पणी:
यह कविता आज के समय में बहुत प्रासंगिक है, जब लोग मोबाइल पर इतना अधिक निर्भर हो गए हैं। यह कविता हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हमने तकनीक के नाम पर अपने मानवीय संबंधों को खो दिया है।
आप इस कविता में कौन सी पंक्ति को सबसे अधिक प्रभावशाली मानते हैं और क्यों? क्या आप मानते हैं कि चिट्ठी और मोबाइल दोनों के अपने फायदे और नुकसान हैं?
🙏🏻THANKS TO VISIT MY SIT🙏🏻
Nice poem 😊😊
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Heart touching 👍👍👍