टूटे हुए ख्वाबों का शहर
यह poem, भावनाओं का एक ऐसा समंदर है, जो हर उस व्यक्ति को छू लेता है जिसने कभी खोने का दर्द महसूस किया हो। “टूटे हुए ख्वाबों का शहर” एक ऐसी जगह है जहां उदासी और निराशा का निवास है।
🌆टूटे हुए ख्वाबों का इक शहर है,
जहाँ दर्द की बारिश कभी थमती नहीं।
उम्मीदों की छतरी पुरानी सी हो गई,
आँखों में अब कोई चमक बची नहीं।
🤗वो खुशियों की बातें, वो हँसी के पल,
सब बीत गए किसी बीते कल की तरह।
अब तो बस यादें हैं और आँसू हैं,
जो बहते रहते हैं, जैसे रात में ओस।
❤️दिल में इक खालीपन, जो भरता नहीं,
वो बातें, वो वादे, अब लगते हैं अधूरे।
बस खोने का डर है और कुछ पाने की चाह,
ये ज़िन्दगी भी शायद एक ख़्वाब ही है अधूरा।
शहर का वर्णन:
- बारिश और छतरी: दर्द की बारिश लगातार होती रहती है, और उम्मीदों की छतरी अब टूटने को तैयार है। यह जीवन की कठिनाइयों और निराशाओं का एक मजबूत चित्रण है।
- खुशियों की बातें और हँसी के पल: ये सब बीत चुके हैं, अब केवल यादें बची हैं। यह दर्शाता है कि समय कैसे सब कुछ बदल देता है।
- आँसू और ओस: आँसू लगातार बहते रहते हैं, जैसे रात में ओस। यह दर्द की तीव्रता और निरंतरता को दर्शाता है।
- खालीपन और अधूरेपन की भावना: दिल में एक खालीपन है जो भरता नहीं है। यह खोए हुए सपनों और अधूरे रह गए वादों की पीड़ा को दर्शाता है।
- खोने का डर और पाने की चाह: यह एक अंतर्द्वंद्व को दर्शाता है, जहां व्यक्ति खोने से डरता है और साथ ही कुछ पाने की चाह भी रखता है।
कविता का भाव:
कविता में निराशा, उदासी, और खोए हुए सपनों का एक मजबूत भाव है। यह हमें याद दिलाता है कि जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं और कभी-कभी हम अपने सपनों को पूरा करने में असफल हो जाते हैं। यह कविता हमें यह भी बताती है कि खोने का दर्द कितना गहरा हो सकता है और इससे उबरना कितना मुश्किल हो सकता है।
यह कविता एक शक्तिशाली और भावनात्मक रचना है जो हमें जीवन के बारे में गहराई से सोचने पर मजबूर करती है।
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