यह कविता बचपन की उन मासूम और खुशहाल यादों को बयां करती है जो हर किसी के जीवन में एक विशेष स्थान रखती हैं।
बचपन के दिन थे, स्वर्णिम पल,
खुले आसमान, रंगीन कल।
नन्हा मन, निर्मल भावना,
खेल-खिलौने, मस्ती की राहना।
माँ की गोद, पिता की छाँव,
सुरक्षित दुनिया, प्यार का साँव।
कहानियों की दुनिया, सपनों का जाल,
रोज़ नई उड़ान, जीवन का काल।
बारिश की बूंदें, कागज की नाव,
धूप में सुखाना, बचपन का साहस।
मिठाई का लालच, दादा की दास्तान,
दादी की प्यार भरी निगाहें।
स्कूल की घंटी, दोस्तों की बातें,
परीक्षा की टेंशन, लेकिन दिल में उमंग।
खिलौनों की दुनिया, कल्पनाओं का उड़ान,
बचपन के दिन, अनमोल सम्पदा।
खुले मैदान, हरी घास,
नंगे पैर दौड़ते, मासूम आस।
कच्ची गिल्ली, डंडे का खेल,
दोस्तों के साथ, जीवन का ज्वेल।
खरोंचें, गिरना, उठना फिर,
दिल में बस प्यार, बिना किसी शिकायत के।
माँ की डांट, पिता की समझाइश,
सब कुछ सहना, बिना किसी वैराग्य।
अब बड़े हो गए, जिम्मेदारियाँ बढ़ी,
पर बचपन की यादें, दिल में कहीं छुपी।
वो मासूम चेहरा, वो हंसता हुआ मुँह,
कितनी याद आती है, वो प्यारा जवानी का जून।
समय बदल गया, दुनिया भी बदली,
पर बचपन की यादें, हमेशा साथ रहीं।
एक खजाना है वो, दिल के कोने में,
खोलता हूँ जब-जब, मिलती है शांति।
कविता का मुख्य संदेश यह है कि बचपन एक ऐसा दौर होता है जो दोबारा नहीं आता। इसलिए हमें इन यादों को संजोकर रखना चाहिए।
संक्षेप में, यह कविता बचपन की खूबसूरती, मासूमियत और यादों को दर्शाती है।
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Sunder kavita🤘🤘
So beautiful 💖
thank u
gorgeous poem 👌
Thank u