बेटी की विदाई – ये शब्द ही अपने आप में एक कहानी बयां करते हैं। यह एक ऐसा पल होता है जब खुशी और गम एक साथ होते हैं। एक ओर, बेटी के नए जीवन की शुरुआत का जश्न होता है, तो दूसरी ओर, माता-पिता अपने लाडली को खोने का दुख झेलते हैं।तो इसी भावुक पल को कविता के माध्यम से देखते हैं
अंचल में बसी थी, प्यारी सी गुड़िया,
आँखों की रानी, दिल की दुनिया।
खिलौनों की दुनिया से निकली,
नई जिंदगी की राह पर चल पड़ी।
पंखों को फैलाकर उड़ना सीखा,
घर का आँचल छोड़, दुनिया को देखा।
ससुराल के द्वार पर आई,
नई जिंदगी की शुरुआत हुई
माँ की गोद से उतरकर,
पिता की छाया छोड़कर।
नई दुनिया में कदम रखा,
सब कुछ नया, सब कुछ अलग देखा।
आँखों में छिपे आंसू, दिल में दर्द,
फिर भी मुस्कुराती रही, बेदर्द।
नई जिंदगी की शुरुआत है,
नई उड़ान भरने की तैयारी है।
ससुराल में भी अपना घर बनाना है,
नई रिश्तों को सींचना है।
अपनों से दूर, पर प्यार का बंधन,
रहेगा हमेशा, दिल के करीबन।
विदाई का दर्द, दिल में समाया, फिर भी बेटी की खुशी के लिए, सब कुछ भुलाया।
भावनाओं का समंदर:
- माता-पिता का दर्द: माँ के आँचल से अलग होने का दर्द, पिता की आंखों में छलकते आंसू, ये सब इस पल को बेहद भावुक बना देते हैं।
- बेटी की उम्मीदें: बेटी के दिल में नए जीवन के लिए उम्मीदें जगमगाती हैं, लेकिन साथ ही अपने माता-पिता से दूर जाने का गम भी होता है।
- खुशी और गम का मिश्रण: यह पल खुशी और गम का एक अनोखा मिश्रण होता है। एक ओर विदाई का दुख होता है, तो दूसरी ओर नए जीवन की शुरुआत की खुशी।
- रिश्तों की गहराई: इस पल में रिश्तों की गहराई और महत्व स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। माता-पिता और बेटी के बीच का प्यार अटूट होता है।
कविता के माध्यम से:
- माता-पिता की भावनाओं को शब्दों में पिरोया जाता है।
- बेटी की उम्मीदों को व्यक्त किया जाता है।
- रिश्तों की गहराई को उजागर किया जाता है।
- जीवन के इस महत्वपूर्ण पल को यादगार बनाया जाता है।
निष्कर्ष:
बेटी की विदाई एक ऐसा क्षण होता है जो जीवन भर याद रहता है। यह एक भावुक पल होता है, जिसमें खुशी और गम दोनों ही शामिल होते हैं। कविता के माध्यम से इस पल को शब्दों में पिरोकर हम इसे और अधिक खूबसूरत बना सकते हैं।
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