आधार शिला मंदिर, जोधपुर: धरती से 150 फीट ऊँची, चट्टान पे बसा बाबा रामदेव का अद्भुत धाम!
जोधपुर की धरती पर, धर्म और आस्था का अद्भुत संगम है, आधार शिला मंदिर।
नागौरी गेट के पास, 150 फीट ऊँची एक चट्टान पर स्थापित, ये मंदिर भगवान रामदेव जी को समर्पित है।
चट्टान की कठोरता को चीरकर, श्रद्धा और विश्वास की नींव पर बना ये मंदिर, राजस्थान की अनमोल धरोहर है।
इतिहास के झरोखों से झांकता है, ये मंदिर, कई किंवदंतियों और चमत्कारों का गवाह।
कहा जाता है, भगवान रामदेव जी ने इसी चट्टान पर विश्राम लिया था, और उनके पैरों के निशान आज भी यहाँ देखे जा सकते हैं।
भक्तों की आस्था का केंद्र, ये मंदिर, हर साल हजारों श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करता है।
पहाड़ी की चढ़ाई, थोड़ी मुश्किल जरूर है, लेकिन ऊपर पहुंचकर मिलने वाला नज़ारा, हर मुश्किल को भुला देता है।
जोधपुर आने वाले हर श्रद्धालु और पर्यटक के लिए, आधार शिला मंदिर दर्शन, एक अनोखा अनुभव होगा।
जय बाबा रामदेव!
जोधपुर के नागौरी गेट पर स्थित अधरशिला मंदिर: इतिहास, दर्शन और रोचक तथ्य
अधरशिला मंदिर, जोधपुर के नागौरी गेट के पास स्थित, एक प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर है जो भगवान शिव और बाबा रामदेव जी को समर्पित है। यह मंदिर अपनी अनूठी वास्तुकला, धार्मिक महत्व और चमत्कारी कहानियों के लिए जाना जाता है।
इतिहास:
यह मंदिर 14वीं शताब्दी का बताया जाता है, और इसका निर्माण राव लूणकरण ने करवाया था। कहा जाता है कि राव लूणकरण भगवान शिव के भक्त थे और उन्होंने एक बार सपने में भगवान शिव को देखा, जिन्होंने उन्हें इस स्थान पर मंदिर बनाने का आदेश दिया था। मंदिर का निर्माण पूरा होने के बाद, राव लूणकरण ने बाबा रामदेव जी की मूर्ति भी स्थापित की, जो उस समय इस क्षेत्र में प्रसिद्ध संत थे।
दर्शन:
मंदिर का मुख्य आकर्षण इसकी अधरशिला है, जो एक विशाल चट्टान है जो बिना किसी सहारे के हवा में टिकी हुई है। कहा जाता है कि बाबा रामदेव जी ने अपनी योग शक्ति से इस चट्टान को उठाकर यहाँ रखा था। मंदिर में भगवान शिव, बाबा रामदेव जी, माता पार्वती, गणेश जी, हनुमान जी और अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां भी स्थापित हैं।
रोचक तथ्य:
- अधरशिला: इस चट्टान के बारे में कई चमत्कारी कहानियां प्रचलित हैं। कहा जाता है कि यह चट्टान कभी नहीं गिरेगी, चाहे कितनी भी तूफान क्यों न आए।
- भूमिगत गुफा: मंदिर के परिसर में एक भूमिगत गुफा है, जिसके बारे में कहा जाता है कि यह बाबा रामदेव जी की समाधि स्थल है।
- धार्मिक महत्व: यह मंदिर हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है। हर साल हजारों श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं।
- मेले: मंदिर में दो मुख्य मेले आयोजित किए जाते हैं: बाबा रामदेव जी का मेला और भादवा मेला।
अधरशिला मंदिर निश्चित रूप से एक दर्शनीय स्थल है, जो अपनी धार्मिक आस्था, रहस्यमय वातावरण और स्थापत्य कला के लिए जाना जाता है। यदि आप जोधपुर की यात्रा कर रहे हैं, तो यह मंदिर निश्चित रूप से आपके यात्रा कार्यक्रम में शामिल होना चाहिए।
अधरशिला मंदिर दर्शन के लिए टिप्स:
मंदिर में प्रवेश करने से पहले अपने जूते उतार दें।
मंदिर में शालीनता से कपड़े पहनें।
मंदिर में फोटो खींचने की अनुमति नहीं है।
मंदिर में दान करना पूरी तरह से स्वैच्छिक है।
यात्रा मार्ग:
नागोरी गेट मार्ग से, आप खानियो को गली नंबर 1 के माध्यम से अधरशिला मंदिर तक पहुंच सकते है.
यह मंदिर जोधपुर शहर के बीचोंबीच, नागौरी गेट के पास स्थित है।
मंदिर का पता है: 72XJ+RJ3, Nagori Gate Kila Rd, Jodhpur, Rajasthan 342001।
दूरियां:
जोधपुर रेलवे स्टेशन से: 4.9 किलोमीटर
जोधपुर हवाई अड्डे से: 7.9 किलोमीटर
उमैद भवन पैलेस से: 3.8 किलोमीटर
समय और शुल्क:
मंदिर सुबह 5 बजे से शाम 7 बजे तक खुला रहता है।
प्रवेश शुल्क कोई नहीं है।
मंदिर के पास के अन्य आकर्षण:
- मेहरानगढ़ किला: जोधपुर का सबसे प्रसिद्ध किला, शहर के शानदार दृश्य प्रस्तुत करता है।
- उमैद भवन पैलेस: भारत का सबसे बड़ा निजी निवास, अब एक शानदार होटल में तब्दील हो गया है।
- जसवंत थड़ा: एक संगमरमर का स्मारक जो महाराजा जसवंत सिंह द्वितीय की स्मृति में बनाया गया था।
- मांडोर गार्डन: शाही मकबरे और मंदिरों वाला एक सुंदर उद्यान।
मुझे उम्मीद है कि यह जानकारी आपके काम आएगी।
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