>फिल्म “कलकि 2898 एडी” को लेकर काफी चर्चा थी, आखिरकार भविष्य की दुनिया, बड़े सितारे और भव्य VFX का मेल तो कमाल का लगता है। आइए देखते हैं कैसी है ये फिल्म:
कहानी 2898 ईस्वी में सेट है, जहां दुनिया पूरी तरह बदल चुकी है. सभ्यता खत्म सी हो गई है और एक तानाशाह का राज है. इसी दौरान एक आशा की किरण जमती है, जिसे ढूंढने में कई लोग जुट जाते हैं. कहानी में ये भी दिखाया गया है कि भगवान कृष्ण का आशीर्वाद किस तरह इस लड़ाई में अहम भूमिका निभाता है.
कलयुग का कन्फ्यूजन: कलकि मूवी का रिव्यू
पहला घंटा – क्या ये कलयुग है या कॉमेडी सर्कस
ये फिल्म ऐसी है कि आधे टिकट के पैसे भी ज्यादा लगते हैं. कहानी है 2898 ईस्वी सन की, पर स्पेशल इफेक्ट्स ऐसे लगते हैं मानो 1998 से उधार लिए हों.
फ्यूचर दिखाना चाहते थे, पर फंस गए भूतकाल में!
प्रभास जी का एक्शन हीरो वाला रोल देखने गए थे, लेकिन डायरेक्टर साहब ने उन्हें चुटकुले सुनाने का ठेका दे दिया
अमिताभ बच्चन जी तो कमाल, 80 साल के हैं पर ऐसे लड़ रहे हैं मानो अभी कॉलेज से आए हैं पूरी फिल्म उनके कंधों पर ही टिकी हुई है.
पौराणिक कथाओं का ऐसा गड़बड़ झोल, सिरदर्द हो जाएगा पूरा
फिल्म में एक्शन है, ये बात सही है. पर इतनी तेज रफ्तार में सबकुछ चलता है कि समझ ही नहीं आता कौन किसे मार रहा है और क्यों मार रहा है!
इंटरवल
ब्रेक लेने का बहाना ढूंढ रहे थे? मिल गया!
पॉपकॉर्न खत्म हुआ या नहीं ये चेक कर लें, आगे तो बस लड़ाई-भड़ाई है
दूसरा घंटा
थोड़े ट्विस्ट आए, मगर उलझनें से ज्यादा हंसी आई
फिल्म खत्म… कन्फ्यूजन थोड़ा कम हुआ, पर मजा बहुत कम
अंतिम निर्णय (Final Decision)
कुल मिलाकर, “कलकि 2898 एडी” एक अच्छी कोशिश है, खासकर भारतीय सिनेमा के लिए साइंस फिक्शन और पौराणिक कथाओं के मिश्रण के लिहाज से. फिल्म का दूसरा भाग ज्यादा दमदार है. अगर आप भव्य VFX और बड़े कलाकारों को देखना चाहते हैं तो यह फिल्म देख सकते हैं, लेकिन अगर आप एक दमदार कहानी की तलाश में हैं तो थोड़ा निराश हो सकते हैं.
रेटिंग (Rating)
** ढाई (Dhai) out of 5 stars**