भैया जी, मनोज बाजपेयी की 100वीं फिल्म है, जो एक बदला लेने की कहानी है. फिल्म में मनोज बाजपेयी “भैया जी” के किरदार में हैं, जो कभी गुंडा हुआ करते थे लेकिन अब शांत जिंदगी जी रहे हैं. उनके छोटे भाई की हत्या हो जाने के बाद, वो फिर से हिंसा की राह पर चल पड़ते हैं.
अच्छे पहलू (Good Points)
मनोज बाजपेयी की दमदार एक्टिंग (Manoj Bajpayee’s Powerful Acting): यह फिल्म पूरी तरह से मनोज बाजपेयी के दम पर चलती है. उन्होंने शांत और गुस्से वाले दोनों तरह के “भैया जी” को शानदार तरीके से निभाया है.
एक्शन (Action): फिल्म में काफी धमाकेदार एक्शन सीन्स हैं.
गाना ( song ):बाघ का करेजा ,चक्का जाम दोनों सॉन्ग एवरेज (average)है.
बुरे पहलू (Bad Points)
कहानी में नयापन ना होना (Lack of Originality in Story): बदला लेने की कहानी बिल्कुल नई नहीं है और काफी हद तक 90s की मूवी लगती है.
धीमी शुरुआत (Slow Start): फिल्म की शुरुआत काफी धीमी है, जिससे फिल्म में दर्शक की रुचि कम हो सकती है.
कमजोर विलेन (Weak Villain): फिल्म का विलेन( सुविंदर विक्की )खास दमदार नहीं लगता और मनोज बाजपेयी के किरदार के सामने प्रभावशाली नहीं दिख पाता.
निष्कर्ष (Overall)
भैया जी एक औसत फिल्म है. मनोज बाजपेयी की एक्टिंग फिल्म को संभालती है लेकिन कहानी में कमजोर होने और कुछ हिस्सों के धीमे होने के कारण यह फिल्म निराश कर सकती है. अगर आप मनोज बाजपेयी के फैन हैं या फिर एक्शन फिल्म देखना चाहते हैं तो यह फिल्म देख सकते हैं, वरना कोई खास नई बात नहीं है.
अगर आप फिल्म देखने का विचार कर रहे हैं तो आप फिल्म के ट्रेलर देखकर अंदाजा लगा सकते हैं कि यह आपके पसंद की फिल्म है या नहीं.
भैयाकहानी में नयापन ना होना (Lack of Originality in Story): बदला लेने की कहानी बिल्कुल नई नहीं है और काफी हद तक predictable है. जी, मनोज बाजपेयी की 100वीं फिल्म है, जो एक बदला लेने की कहानी है. फिल्म में मनोज बाजपेयी “भैया जी” के किरदार में हैं, जो कभी गुंडा हुआ करते थे लेकिन अब शांत जिंदगी जी रहे हैं. उनके छोटे भाई की हत्या हो जाने के बाद, वो फिर से हिंसा की राह पर चल पड़ते हैं.
आइए फिल्म के अच्छे और बुरे पहलुओं पर नजर डालते हैं:
Nice movie